ध्यान देने की खास बात यह है कि सफलता सही काम के लिए ही मिले, गलत के लिए नहीं। थोड़ी सी शाबाशी भी आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है, पर शाबाशी सही काम के लिए ही मिलनी चाहिए।
हँसना, मुस्कुराना एक ईशवरीय वरदान है। जब हम किसी हँसते हुए व्यक्ति से मिलते है तो बहुत अच्छा लगता है। हम समझ जाते है कि सब कुछ ठीक है। इसके विपरीत अगर हम किसी ऐसे व्यक्ति से मिलते है जो बहुत गंभीर है तो लगता है कि कहीं कुछ गलत है।